बापू आपने आजादी क्यों
दिलाई?
यहां हर एक बात पर
सियासत होती है!
कोई मेरे या जीये ये
जाडी चमड़ी वाले नेताओ
को कोई फर्क नहीं पड़ता।
उसे तो अपनी रोटी पकानी है!
वो आग कीसिके जलते हुए घरकी
हो या किसिकी जलती हुई लाशकी!
ये नेताओ को बस अपनी रोटी पकानी है!
इंसानियत मर चुकी है ये दोगले नेताओ में!
मोहनदास करमचंद गांधी से
महात्मा गांधी बने आप,लेकिन बापू
यहां कोई महात्मा नहीं बचा!
बापू ये आपकी कल्पना का भारत नहीं रहा!
यहां हर राज्य का एक राजा है,
और परेशान उसकी जनता है!

बापू आपको दंडवत प्रणाम

#महात्मा

Hindi Poem by Anil Bhatt : 111582900

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