इस वर्ष कुछ ऐसा हो जाये
तुमसे मेरा इश्क और गहरा हो जाये
मधुर यामिनी कभी खत्म न हो
जीवन संगीतमय हो जाए
मैं चन्द्र,तुम मेरी चांदनी
जीवन की तुम मधुर कामिनी
राग -रागिनी मधुर सरगम सी
बजती रहे कल - कल निनाद सी
जीवन सुमधुर गजल हो जाये
इश्क तुमसे कुछ गहरा हो जाये
इस वर्ष कुछ ऐसा हो जाये।।।

-Sakhi

Hindi Poem by आशा झा Sakhi : 111582521

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now