वो बातें
दो पल कि,
रातें जगी सी
दिन सोया सा,
कैद गुफ्तगू की
बंदिशे अनजानी,
करते थे कुछ
चर्चाएं सूफीयानी ,
होती है अब
एक पहर तक
चाँद से मेरी,
हाँ उसकी
वो बातें...

#M -kay

Hindi Sorry by M-kay : 111581976

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