तेरा वो मुझे देख मुस्कुराना याद है,
घर के सामने से निकलने का बहाना याद है,
तेरा वो पीछा करते हुए आना और मेरे मुड़ने पर तेरा घूम जाना याद है।
लोगों से सुना तेरा हर एक फसाना याद है, हां मुझे अब भी वो दीवाना याद है।

- चंचल सिंह

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