यादों से तेरी मुझे आराम चाहिए!
ख्यालों के भवर में, एक सुकुन की नींद चाहिए...
वो नसीब से शिकायतें, ख़ुदा से झगड़े...
मां के खाने की फिर से, वो तेज़ सी भूख चाहिए!!
बहुत जीतें हैं तुने दिल, ए दिल!
इस बार ये हार भी, सरेआम चाहिए...
तु छोड़ ये स्वचालित रश्में...अब बस
मुझे उसकी नाराजगी से आराम चाहिए...
आराम चाहिए।।
#स्वचालित