एक मां के हाथ का खाना खाकर
seven star hotel का chef भी
शरमा जाता है कि इतना स्वादिष्ट खाना
वह क्यों नहीं बना पाता है।
अब कोई उसको यह कैसे समझाए कि
जब भी एक मां खाना पकाती है
पहले अपने बच्चे की पसंद-नापसंद का
पूरा हिसाब लगाती है।
अपने स्नेह के उसमें
मसाला मिलाती हैं।
और प्यार से फिर उसमें तड़का लगाती है
अपनी मुस्कान रूपी
हरे धनिए से उसे सजाती है।
अपने प्यार भरे आंचल में
बैठाकर एक एक कौर अपने हाथों से
ममता से खिलाती है।
तभी तो मां के हाथ का खाना हर बच्चे
को ताउम्र याद रहता है और उससे ज्यादा
स्वादिष्ट उसे कुछ भी नहीं लगता है।
#स्वादिष्ट