#स्वादिष्ट

बहुत याद आता है माँ,,, भैया को डाँटकर वो ज्यादा मुझे खिलाना,,,,
भगवान को भोग लगाने से पहले,,,दादी से छिपाकर खीर मुझे चखाना,,
सच कहती थी तुम,,, मन भरकर खाया कर लाडो जब तक है मेरे पास्,,,
अब इतने स्वादिष्ट खाने में भी नहीं आ पाता है माँ वो वाला स्वाद्,,,
क्योंकि स्वादिष्ट बनाने का जादू तो बिखेरते थे सिर्फ़ तुम्हारे हाथ... ..!

Hindi Poem by Khushboo Bhardwaj RANU : 111577684

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