"ये प्रेम ही तो है जलद का अम्बर से और क़तरा का धरा से,
जिसमें क़तरा बेकरार है धरा से मिलने को और जलद बेताब है अम्बर से गले लगने को,
जिसके लिए दोनों ही खुद को मिटाने को तैयार हैं।"

-Naina Gupta

Hindi Thought by Ankita Gupta : 111577512

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