हम चलेंगे साथ में लेकर भगवा हाथ में
मातृभूमि के विषय रहेंगे हमारी बात में

राम की पावन गाथा गाएंगे हम प्रभात में
अपराह्न सुनेंगे गीता हम सरल अनुवाद में

मंत्रो-तीरों की ध्वनि बजेंगी संध्या वाद्य में
हर हुतात्मा का स्मरण करेंगे हम रात में

देखेंगे स्वप्न हम यही मां भारती की गोद में
जागेंगे कल सभी अखंड भारत की प्रातः में

Hindi Shayri by Sandeep Shrivastava : 111577398

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