तमस हटा प्रकाश कर,
ख़्वाहिशों को तू आकाश कर..
गिरा ही है अभी मिटा नहीं,
संकट अभी टला नहीं..
उठ संभल संकल्प दृढ़ कर..
नियति के विरुद्ध युद्ध कर..
भाग्य अभी बना नहीं,
किस्मत अभी लिखी नहीं..
ठोकरों से सबक सीख,
कर्म कर, तू भविष्य लिख..
#युद्ध

Hindi Poem by Sarita Sharma : 111575656

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