जैसे बहती है रेत
समंदर की लहरों में-
टकराती है,परस्पर
करती है बातें.......

उन दो लोगों की
जो करते हैं बातें
पागलो की.......

जो प्यार में है!
खुश है!

Hindi Poem by Rajesh Mewade : 111575559

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