My Meaningful Poem...!!!
मोह-माया उसूलों की दहलीज़
पार करे उससे पहले सँभल जा
क्रोध अच्छे-बूरेकी दहलीज़को
पार करे उससे पहले सँभल जा
धन-लालसा हक़ की दहलीज़
पार करे उससे पहले सँभल जा
मनोकामना संयम की दहलीज़
पार करे उससे पहले सँभल जा
नादानियाँ इज़्ज़त की दहलीज़
पार करे उससे पहले सँभल जा
बद-गुमानी अपनों की दहलीज़
पार करे उससे पहले सँभल जा
प्रभुजी जिंदगी दिए हैं ख़ुशनुमा
तरीक़े से व्यतीत करने के लिए
आमाल से बुराई की दहलीज़
पार करे उससे पहले सँभल जा
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