#વિધવા . विधवा होना जाना महिला के लिए बहुत बड़ा दुख होता है
. लेकिन विधाva होके भी गर्व महसूस करना एक शहीद हुए फौजी की पत्नी को ही होता है. फौजी जब बोर्डर पर जाता है तो वो दिन रात पहरा देता है. रातों को वो अकेला नहीं जाग रहा होता है, उनकी पत्नी को भी नींद नहीं आती है. न भूख, न नींद... वो भी उतनी ही ड्यूटी करती है, जितना कि फौजी देश के लिए. और जब फौजी शहीद होता है और वो तिरंगे मे लिपट कर आता है तब उनकी पत्नी विधva होती है लेकिन वो fakr मेहसूस करती है कि उसका फौजी देश के लिए उसको अकेला छोड़ गया, vidhva का लिबास दे गया. कभी उन शहीदों की vidhva के लिए भी सोचना दोस्तों, जिन्हों ने हमारे लिए अपने सिंदूर, अपनी चूडिय़ां, अपनी रंगीन साड़ी, अपने बिछया को कुर्बान कर दिया है. नमन है उन शहीदों को और उनकी पत्नियों को. कोटि कोटि प्रणाम उन vidhva बहनो को. 🙏