उसने प्रश्न किया,
विवाह दो आत्माओं का मिलन है।
और आत्मा अविनाशी है,
तो फिर,
वह #विधवा कैसे हो सकती है?
जब बंधन जन्म-जन्मान्तर का है,
तो फिर,
वह #विधवा कैसे हो सकती है?
जब शरीर केवल आत्मा का वस्त्र है,
तो प्रिय के,
नए वस्त्र की खोज में जाने से,
वह #विधवा कैसे हो सकती है?

Hindi Poem by Meenakshi Dikshit : 111573976

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