My Wonderful Poem...!!!
यारों जिसने सारा जहाँ बनाया
क्या नही वह जानता तूँ जो सोचता है
जिसने चाँद तारे सूरज को चमकाया
क्या नही वह जानता तूँ जो सोचता है
जिसने फूलो को ख़ुशबूदार बनाया
क्या नही वह जानता तूँ जो सोचता है
जिसने परिंदों को परवाज़-ए-उड़ान दी
क्या नही वह जानता तूँ जो सोचता है
जिसने भँवरों को भी तड़पना शिखाया
क्या नही वह जानता तूँ जो सोचता है
जिसने ख़्यालको ज़हनों में पयदा किया
क्या नही वह जानता तूँ जो सोचता है
तेरी सोच-फ़हम-ओ-गुमान से परे हैं
हस्ती उस जगत पालनहार प्रभुजी की
सौ ग़र पाना चाहता है बंदा-परवरी उस
रब की तो सच्चे दिल से प्रभु का हो जा
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