मंज़िल मुश्किल थी
पर हाम खोये नहीं,
दरद था दिल में
पर हाम रोये नहीं,
कोइ नहि यहा हमारा
जो हम्से पुछे,
जाग रहे हो किस के लीये
या किसी के लिये सोये नहीं ...
🙏शुभ प्रभात 🙏

Gujarati Shayri by Prem..... : 111573057

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