डूब रहे हैं लोग नशे में, कोई कश्ती पतवार लेकर आओ
शिकारी खुद हो रहे शिकार, कोई तलवार लेकर आओ
अब होश नहीं इनको, नहीं डर है बदनामी का
ये कितने हो रहे बेकार, कोई गुलज़ार बनकर आओ

#शिकार

Hindi Shayri by Jyoti Prakash Rai : 111572895

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