बेवजह ही पूछ बैठे हालात ए ज़िंदगी उनकी हमे क्या पता हमारी ही ज़िदगी बर्बाद करने की साज़िश रचे बैठे हैं

- आलोक शर्मा

Hindi Shayri by ALOK SHARMA : 111572735

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now