तुम्हे चाहने के लिए मुजे कुछ करने की जरूरत नही है क्योंकी कुछ करना पड़े ऐसी चाहत को चाहत नही कहते....
चाहत तो अपने आप बढ़ती है कोई अपेक्षा नहीं होती है सिर्फ चाहत होती है जैसे दिन ढलता है फिर भी दूसरे दिन ताजगी के साथ आता है वैसे ही चाहत होती है....
-Shree