कई जित बाकी है कई हार बाकी है
अभी तो जिंदगी का सार बाकी है
यहाँ से चले है नई मंजिल के लिए
यह एक पन्ना था,
अभी तो किताब बाकी है।

Hindi Blog by Krishna Timbadiya : 111570333

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