आपके अंदर दो व्यक्ति जीते हैं पर हम किसी एक को ही बाहरी दुनिया से परिचित कराते हैं। दुनिया से परिचित व्यक्ति कार्यकुशल ज़िम्मेदार बेटा, बाप , भाई या नागरिक है । दूसरा वाला बस हमारे अंदर ही जीता है या फिर कहें घुटता रहता है और हमारे सोने का इंतज़ार करता है ताकि जब हम सोएं तो वह दूसरा अनदेखा अपरिचित आदमी हमारे अंदर उठे और सपनों में ही सही पर कुछ लम्हें खुली हवा में सांस ले सके। वो सब कर सके जो इस दुनिया के कानून में रहकर नहीं हो सकता।

हमारे अंदर का लेखक वही आदमी है जिसे हमने कभी दुनिया से परिचित नहीं कराया। पर अचानक एक दिन यह लेखक दिन की धूप में जीने की ज़िद करेगा, आपके साथ ही एक बगावत कर देगा और शब्दों को अपना हथ्यार बनाकर ऐसा वार करेगा कि उसे रोकना नामुमकिन हो जाएगा।

तब आइयेगा मातृभारती ऐप पर, आपका स्वागत है।

Hindi Thank You by Mahendra Sharma : 111570242
Abhishek Dafda 3 years ago

સ્પીડ સારી છે...

Tinu Rathod _તમન્ના_ 4 years ago

વાહ.. ખૂબ સરસ રજૂઆત..

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