मेरी वो खामोशियां तूने सुनी तो होंगी ना,
कुछ ख्वाहिशें तूने भी बुनी तो होंगी ना।
तेरा हाथ भी मेरे हाथ के साथ के लिए तड़पा होगा ,
वो हवाएं तुझसे भी कुछ कहती तो होंगी ना।
बारिशें जब भी जमीं से मिलने आती होगी,
तेरा भी दिल मुझसे मिलने को तड़पा तो होगा ना।

- चंचल सिंह

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