सूरज की किरणें पड़ती हम सब पे एकसमान l
हवा, पानी का भी है यही रूझान ll
प्रकृति को नहीं कोई अभिमान ll
फिर क्यों भेदभाव की लाचारी है l
ये दुनिया लगती कोई व्यापारी है ll
बंद करो ये, करना अपमान l
इसी मे सबका है सम्मान ll
हम भी हो जाए एकसमान ll

#एकसमान

-Deepak Gautam

Hindi Poem by Deepak Gautam : 111569108

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