जो मेरा था वो मेरा हो नहीं पाया!
आँखों में आंसू भरे थे पर मैं रो नहीं पाया!
रोकने की कोशिश तो बहुत की पलकों ने
पर इश्क में पागल थे आंसू खुदकुशी करते रहे
और हम उनके बिना ज़िंदगी कभी मुस्कुरा नहीं पाया ।

-SHIVAN

Hindi Shayri by Poorav : 111569050

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