दिल सुधर जा,
अभी भी वक्त है;

तुं तो है कोमल,
ये दुनिया सख्त है;

तोड़ देगा ये जो,
तुझ पर तख्त है;

कर ले तुं अपनी,
सब झमेले से मुक्त है;

तुं नहीं #अस्थायी ,
तुं तो परमनेन्ट है;

#अस्थायी

Hindi Poem by વિનોદ. મો. સોલંકી .વ્યોમ. : 111568738

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now