घमंड नहीं , अभिमान भी नहीं, अब मेरा तुझपे कोई बंधन भी नहीं ,
खुशी नहीं दुख भी नहीं ,अब मेरा तुझसे कोई संबंध भी नहीं ।
ख्वाब भी नहीं ,ख्याल भी नहीं ,अब मेरा तुझसे कोई वास्ता भी नहीं ,
मंज़िल भी नहीं , मार्ग भी नहीं ,अब मेरा तुझसे कोई रास्ता भी नहीं ।
मुकदर भी नहीं , मजहब भी नहीं ,अब मेरा तुझसे कोई मतलब भी नहीं ।
अवनी भी नहीं ,अंबर भी नहीं ,अब मेरा तुझ पे कोई ऐतबार भी नहीं ।
अंतर भी नहीं ,मंतर भी नहीं ,अब मेरा तुझ पे कोई अवसर भी नहीं ।
दिल भी नहीं , दिमाग भी नहीं , अब मेरा तुझपे भरोसा भी नहीं ।
होश भी नहीं मदहोश नहीं नहीं ,अब मेरा तुझसे हृदय भी नहीं ।

-Jadeja Ravubha P

Hindi Poem by Jadeja Ravubha P : 111568584

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