उसकी वफ़ा के किस्से सुनने मे तो बहोत आये है मगर
अब तलक वो मोहब्बत के काबिल है मेरा एतबार करो ,

हाँ अब तो मैं मर चुका हूँ उसके अंदर पूरा 'यहनाम'
जाओ जाकर जलाकर मुझे कोई मेरा अन्तिमसंस्कार करो...

©yhnaam

Hindi Shayri by Dhruvin Mavani : 111568583

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now