जिन्दगी में हर पल है अस्थाई
फिर किस बात की रह गई लड़ाई
जीवन का रहस्य कोई नहीं समझ पाया
एक एक दिन सभी ने मौत को गले लगाया
#अस्थायी

Hindi Shayri by Monika : 111568203
shekhar kharadi Idriya 4 years ago

निस्संदेह.... फिर भी जीना का मोह इंसान से नहीं छूटता, वो मौत को चुनौती देता है, इस क्षणभंगुर संसार में सब अस्थाई है ।।

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