#कलंक
अपने कलंक अपने अंकुश का
किस पर तुम रोष दिखाते हो
खुद तबाह कर के समाज को
भारत पर दोष लगाते हो
भारत नहीं कलंकित है
भारत नहीं दुराचारी
भारत नहीं भ्रष्ट व्यापित
भारत नहीं अहंकारी
भारत में शाम सहर वालों
भारत पर पंक लगाते हो
जिस भारत पर आंच नहीं आई
उसपर कलंक लगाते हो
दोषी जो ठहराए जाएंगे
उनको दण्डित होना होगा
भारत पर दाग़ लगाने वालों
तुमको खण्डित होना होगा
भारत की छवि धूमिल करके
भारत को आंख दिखाते हो
खुद " मानव " के हत्यारे होकर
मानव को बहकाते हो
।। ज्योति प्रकाश राय ।।