ऐसे निर्छल भारत पर, कुछ दाग़ लगाये जाते हैं
खुद का जीवन अंधकार, और आग लगाए जाते हैं
भ्रष्टाचार की जड़ बनकर, विश्वास जमाए जाते हैं
विश्वसनीय पात्र बनकर, परिहास उड़ाए जाते हैं
मानवता की मृत्यु कर, अंकुश भी नहीं मानते हैं
भारत में रहकर शत्रु बने, भारत से रार ठानते हैं
कैसे विश्वसनीय कहूं इनको, कैसे इनका पक्ष धरूं
ज्योति प्रकाश भारत वासी,भारतीय का साक्ष्य धरूं
#विश्वसनीय