दिल की दरारों को ज़ार ज़ार कर दिया,
तेरी उन निगाहों ने तार तार कर दिया।
किस बागीचे से चुना था तूने वो फूल,
जिसने मेरे दिल पे वार आर - पार कर दिया।
-- चंचल सिंह

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