न जाने ऐसी कौन सी बात है
उस जाने पहचाने से अजनबी में।
मेरे लाख न चाहते हुए भी
मेरी तन्हाई में मेरे मुस्कराने की
वजह बन जाता है वो।

Hindi Shayri by Hardik Boricha : 111564060

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