अनजानासा एक शख्स मेरे
दिल का मेहमान बन जायेगा ।
सोचा ना था एक अजनबी,
इस कदर ज़िंदगी मे समाएगा ।

मेहरबानी किस्मत की समझूँ
या उस रब का कोई इशारा है ।
हजारो की भ़ीड मे हम यूँ मिले
इस दोस्ती का जरूर कोई सबब है।

रब करे हमारी ये कहाणी
अफ़साने मे बदल जाए ।
फ़रीश्ते की तमन्ना कौन करे,
जब तेरे जैसा दोस्त मिल जाए।

कांटों भरी राहो से हमको,
यूँही संग संग गुजरना है ।
दोस्ती की है यार हमने तुमसे
ताउम्र ये रीश्ता निभाना है ।

-अनु...

Hindi Poem by अनु... : 111563268
Ganesh Kale 3 years ago

खुपच सुंदर

shekhar kharadi Idriya 4 years ago

बहुत खूब...

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