"ऊटी ( साउथ गुजरात से साउथ इंडिया तक्)" by Yayawargi (Divangi Joshi) read free on Matrubharti
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ये शायद मेरी आखरी कहानी होगी मातृभारती पे क्योकी 10 से अधिक कहानी लिखने के लिए मेरा मातृभारती 21 रुपए का चढावा मांग रहा है
पता है 21 रुपे कोइ बडी रकम नही है... पर..
शायद 2018 जुलाइ से मेने लिखना शुरू किआ था, कारण सिर्फ़ एक क्योकी मुजे पसंद था ,
पता है मुजे गाना गाना,नाचना ओर अक्टीग करना भी पसंद था ओर है जिस्के लिए काफ़ी एप भी अवेलेबल है लेकिन कुछ समय के बाद मे बोर हो जाती वो चिज़े अपने आप छुट जाती लेकिन लिखना कभी नहि छुटा
2018 से पेहले भी लिखती थी लेकिन खुदके लिए आज भी खुद के लिए लिखती हु ओर लिखती रहुन्गी हमेशा.. शायद..!
मेरा समय, शक्ति जाती है पर मिलता सुकुन मेने आज तक कभी लाइक या फ़ोलोवर्स के लिए नही लिखा काफ़ी पेज है जिन्होने ओफ़र दिया के पेसे मिलेन्गे पर बाद मे मेरा ध्यान शायद शब्दो से हटके पेसो पे चला जाता
सुकुन ना रेहता...
शायद इसिलिए ये 21 रुपे का चढावा मुजसे नहि होगा...
मातृभारती से मुजे एक नया नाम ओर पेहचान मिली जिसका मे बोहोत आदर करती हु लेकिन
ये नही होगा...
तो फ़िर मुजे बताए मेरा ब्लोग केसा लगा?