#झगड़ा
लड़ना झगड़ना रूठना मनाना
इन्हीं से तो प्यार बढ़ता है
इंसान ही तो इंसान से लड़ता झगड़ता रूठता मनाता है।
जो सिर्फ रूठना ही जानता है
वो इंसान नहीं भगवान बन जाता है
फिर ऐसे भगवान के साथ
जीना दुश्वार हो जाता है।
खूब लड़ो झगड़ो रूठो मनाओ
कुछ अपनी कहो कुछ उनकी सुनो
इंसान हो इंसान की तरह जीने दो और जिंदगी बिताओ।

Hindi Poem by Sunita Agarwal : 111560665

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