#पंक्ति

पंक्ति को गाओ, तो पद्य
पंक्ति को पढ़ो, तो गद्य
पंक्ति में रहो, तो शिष्ट
पंक्ति काटो, तो अशिष्ट
पंक्ति गुनगुनाओ, तो गीत
पंक्ति चलाओ, तो रीत
पंक्ति समझ आए, तो विशिष्ट
पंक्ति कठिन हो, तो गरिष्ठ
पंक्ति को रट लो, तो ज्ञानी
पंक्ति ना समझो, तो अज्ञानी
पंक्ति में ही स्वर, तो गायक
पंक्ति के आगे हो, तो नायक
पंक्ति में मोती, तो माला
पंक्ति में फूल, तो वरमाला
पंक्ति से हटकर चलो, तो महान
पंक्ति से हटकर रहो, तो शैतान
पंक्ति में धार हो, तो शमशीर
पंक्ति उतरे मन में, तो गंभीर
पंक्ति को बांचो, तो आराधक
पंक्ति में हो लीन, तो साधक
पंक्ति सीधी हो, तो है जान
पंक्ति टेढ़ी हो, तो बेजान।

Hindi Poem by Akshay jain : 111559350

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