आज कुछ पंक्ति लिखती हु.....
अपनी प्यारी सी.....माँ के लिए....

तुं कितनी अच्छी.....है....
तु कितनी भोली.....है....
प्यारी प्यारी है....
ओ...माँ.....😊
ओ......माँ.....😊

हम पर कोई कितने भी एहसान कर दे ।
किन्तु एक एहसान जो हर पर हंमेशा रहेता है....तथा हंमेशा ही रहेगा ।

अपनी माँ ने जन्म दिया है वो एहसान....🙏
माँ का ॠण चुकाना नामुमकीन है...
माँ का प्यार और दुलार...
माँ की चिन्ता और देखभाल....

माँ जैसा ना कोई संसार मै है प्यारा....
माँ का हर बच्चा उनके लिये है न्यारा...

माँ जैसा नही है कोई भोला....
माँ की डाट मे भी है प्यार का गोला....

माँ भले ही कीतनी भी डाट लगाले....
पर बच्चो के सर पे से उनका हाथ....नही उतरता है कभी नीचे...

#पंक्ति

By jayshree_Satote

Hindi Poem by jayshree Satote : 111559042

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