मत बनो हिस्सा भीड़ का,
न चलो भेंड़ के झुंड समान,
न रहो पंक्ति में सबसे पीछे,
कुछ ऐसा करो अद्वितीय
तुम जहां भी खड़े हो जाओ
वहीं से प्रारंभ हो नई पंक्ति।
#पंक्ति

Hindi Poem by Rama Sharma Manavi : 111558992

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