*दो मीठे शब्द भी मुझको...
दिल से न जाने क्यों खुशी दे जाते है
सहारा तेरा हो तो दुनिया का गम भी...
मै न जाने क्यों भूल जाती हूँ
तुझे देखो या न देखो...
न जाने क्यों तुझे महसूस करती लिए हूँ
तू जो है साथ संकट में...
मैं हिम्मत बांध लेती हूँ*
#Shweta #Ganesha

Hindi Poem by Shweta Singh : 111553610

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