ओ मेरे भविष्य...।
तुं कीतना...बेखबर हे रे...।

तम्हे अनंजान मीलेगे सारे...
तुं कीतना...बेखबर हे रे...।

जख्म भी मीलेगे..धोके भी मीलेगे..
ओ मेरे भविष्य...तू कीतना...बेखबर है रे...।

साथ होगे ना अपने...भूल जयागे कीतने ...।
ओ मेरे भविष्य ....तुं कीतना ...बेखबर है रे...।

जानना जो चाहते होगे...की कोन है तेरा अपना.. ??
खोज खुद से शुरू और खुद पे ही खत्म भी होगी...।

ओ मेरे भविष्य...।
की तुं कीतना...बेखबर हे रे...।

#बेख़बर

By jayshree_Satote

Hindi Poem by jayshree Satote : 111551721

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