हाथ पकड़ चलना सिखलाया,
आज कुलांचे भरता है।
बेतरतीबी इस हरक़त पे,
मेरा मन कुछ डरता है ।
उड़ान वही भर सकता,
सच्चा दिशा ज्ञान जो रखता है,
वरना उछल उछल कर,
पुनः ज़मीं पर गिरता है।

Hindi Motivational by Mukteshwar Prasad Singh : 111550095

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