कई कमरों का हुआ करता था जनाब,दिल उनका,जब वो एक कमरे के मकान में रहते थे ।
नहीं कमरा एक भी जनाब,दिल में  अब उनके क्योंकि  आज वो कई कमरों का मकान रखते हैं ।

 निशा शर्मा...

-NISHA SHARMA ‘YATHARTH’

Hindi Shayri by निशा शर्मा : 111549782

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