सदाए देते हुए और खाक उडाते हुए,
मे अपने आप से गुजरा हू तुझ तक आते हुए,
फिर उसके बाद जमाने ने रौंद डाला मुझे,
मे गिर पडा था किसी और को उठाते हुए,
कहानी खत्म हुई और ऐसे खत्म हुई
कि लोग रोने लगे तालिया बजाते हुए ।
#કથા

Hindi Shayri by aashu : 111548929

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