फितूर तेरे हुस्न का,
हम पर कुछ ऎसा चड़ा;

कर बैठे हैं हम भी,
प्यार करने का यह गुना;

मोहब्बत करने की,
हमें मीलनी ही थी सजा;

प्रेम के इतिहास में,
रच गई एक ओर प्रेम #कथा ;

#कथा

Hindi Poem by વિનોદ. મો. સોલંકી .વ્યોમ. : 111548818

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