मान गए आपकी चालाकी को आज

एक वक़्त था एक आलम था
तेरा साथ तब दिया
जब तेरे जेब में भी कुछ नहीं था
जब सारी दुनियां तुम्हारे खिलाफ थी
हमने अपनों की नाराज़गी तक अपनाई

आज जब बड़े मकाम पर हो तुम
तो तुम्हें हम याद आते नहीं
सच तो ये हैं की
तुम्हारी हैसियतको मैं जजती नहीं

#चालाकी

Hindi Shayri by Smile : 111547166

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