चलो आज कुछ नया करते है ,
आसमा को हराभरा करते है ।
सितारों को उतारते है जमीं पर ,
ओर अपना नया आसमा करते है ।
बैठा हो चांद कहीं पेड़ की छांव में ,
ओर सूरज को लालटेन करते है ।
बादल से ले लो बारिश की बुंदे ,
ओर बंजर रण में भी तालाब करते है ।
"हृदय"

Hindi Shayri by Jadeja Ravubha P : 111547163

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