घरों की खिड़कियों में जो काँच के शीशे लगे थे
रोशनी आने के लिए
इंसानियत के दुश्मनों ने
फ़िज़ाँ में मजहबी उन्माद का जहर ऐसा फैलाया
कि कुछ नासमझ लोग मजहबी उन्माद में डूब गए और
खिड़कियों के शीशों को तोड़कर
हथियार बना लिया ,
विधर्मियों की जान लेने के लिए
डॉ. कविता त्यागी

Hindi Quotes by Dr kavita Tyagi : 111546470

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