#प्रचंड वेग से बहती है,
ये नदियां की धारा;

बिना रुके बहती रहती है,
पाने को अपना यारा;

मिल ही जाती है एक दिन,
सागर में नदी की धारा;

बहुत ही खूबसूरत लगता है,
यह मिलन प्यारा प्यारा;

आंखें खुशी से नम हो जाती है,
देख यह हसीन नज़रा;

#प्रचंड

Hindi Poem by વિનોદ. મો. સોલંકી .વ્યોમ. : 111545060

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