तेरी सादगी ही सबसे बड़ा गहना है पगली
जब पहली बार देखा था तुझे सीढ़ियों से उतरते ..
वो पायल की धीमी सी छनकती आवाज़ से मानो पूरे माहौल में संगीत की धुन सी बजती हो...
तेरी झुकी हुई पलके और चहरे पर वो मासूमियत
तेरी जुल्फें जो तेरे चहरे को बार बार छुपाने की कोशिश कर रही थी और उस आधे से चहरे में तेरे खूबसूरती को पूर्ण करती वो गोल बिंदी बस ....... Ritu
ये तेरी सादगी
कुछ ऐसा अंदाजे - इश्के तारीफ़ करने का हुनर था उनकी बातो में ......
याद है या भूल गए ...रितु की कलम से ✍️