"ज़बाने यार मनतुर्की" का अनूठा विमोचन होगा!
पिछली सदी के सातवें दशक की लोकप्रिय अभिनेत्री साधना के जीवन पर आधारित किताब "ज़बाने यार मनतुर्की" का विमोचन साधना के आगामी जन्मदिन 2 सितम्बर 2020 को मुंबई में एक बेहद गरिमामय और अनूठे समारोह में संपन्न होगा। पुस्तक के लेखक सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रबोध कुमार गोविल हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना के फैलते संक्रमण के कारण समारोहों पर लागू बंदिशों के चलते ये विशिष्ट आयोजन एक अनोखे अंदाज में संपन्न होगा।
इस दिन धर्मयुग पत्रिका के पूर्व वरिष्ठ उपसंपादक श्री अभिलाष अवस्थी मुंबई में अभिनेत्री साधना के तीन नायकों, मनोज कुमार (वो कौन थी/अनीता/ अमानत), धर्मेन्द्र तथा विश्वजीत (इश्क़ पर ज़ोर नहीं) को उनके आवासों पर जाकर किताब भेंट करेंगे तथा उनके हस्ताक्षर किताब पर लेंगे। इसके बाद अभिनेता रजा मुराद के अंधेरी स्थित आवास पर एक संक्षिप्त बैठक में "साधना और सुनहरे दिन" के तहत बॉलीवुड के गोल्डन एरा को याद किया जाएगा।
पुस्तक भेंट करके हस्ताक्षर लेने के कार्यक्रम को "इन्द्रधनुष" नाम दिया गया है क्योंकि इस क्रम में साधना जी की तत्कालीन चार अंतरंग मित्रों आशा पारेख, वहीदा रहमान, हेलेन और तबस्सुम से भी संपर्क किया जा रहा है। "वक़्त/आरज़ू/वो कौन थी/मेरे मेहबूब/राजकुमार/मेरा साया/एक फूल दो माली/ इंतकाम" जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में देने वाली साधना की दत्तक पुत्री भी इस मौक़े पर उपस्थित होंगी।
किताब के लेखक प्रबोध कुमार गोविल ने बताया कि साधना की बॉयोग्राफी सिंधी और अंग्रेज़ी भाषा में पहले प्रकाशित हुई थी, जिसे उन्हें भेंट करने के अवसर पर साधना ने कहा था - " मैंने शोहरत, दौलत और चाहत हिंदी से पाई है, मुझे अच्छा लगेगा अगर मेरी कहानी हिंदी में आए " ! उनकी मृत्यु के पांच साल बाद उनकी ये इच्छा पूरी की जा रही है।
किताब जयपुर के बोधि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित है।
(- हिमांशु जोनवाल, जयपुर)

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